HomeMoreBook Review: Lust for Life

Book Review: Lust for Life

विंसेंट वेन गोघ पर आधारित इरविंग स्टोन की जीवनी ‘लस्टफॉरलाइफ’

विन्सेंट तुम इस तरह से दुनिया से क्यूँ गए ? क्यूँ तुम्हारा जाना ज़रूरी था?… तुम्हे पता नहीं?- तुम एक मुर्ख थे.. ओह विन्सेंट ! तुम सच में एक मुर्ख आत्मा थे …एक प्यारे मुर्ख!… एक पागल!… तुम्हे ऐसा ही होना था… अगर तुम ऐसे नहीं होते तुम विन्सेंट महान चित्रकार कभी नहीं बन पाते. देल्क्रोआ ने ठीक कहा था की एक अच्छी आत्मा कुछ पागलपन लिए जरुर होती है… तुम एक अच्छी आत्मा थे विन्सेंट पर अफ़सोस ये बात पूंजीवादी समाज में कोई मायने नहीं रखती , तुम्हारा समय तुम्हारा सम्मान न कर सका… तुम्हें दर – दर की ठोकरें खानी पड़ी , पूरी ज़िन्दगी गरीबी और बिमारी में बिता दी…पर क्या तुम नहीं मानते दर्द ने ही तुम्हारे भीतर के कलाकार को जन्म दिया और पाला था…?

चित्रों के रंग संयोजन , रेखांकन .. आदि की समझ तो नहीं है फिर भी मैं कह सकती हूँ कि विन्सेंट एक महान कलाकार था… सिर्फ महान कलाकार ही नहीं एक महान और पवित्र आत्मा भी। हाँ मैं जानती हूँ कि वह कई बार वेश्यालय पर  भटका था , एक वेश्या को पत्नी का दर्जा दिया और कई लांछन झेले … भारतीय सभ्य समाज में ऐसा इंसान निकृष्ट माना जा सकता है, पर मेरी नज़र में ऐसा इंसान उत्कृष्ट है क्यूंकि उसकी आत्मा पवित्र है, वो प्रेम की तलाश में भटका , हालांकि वो प्रेम में हमेशा बदनसीब ही रहा।

इरविंग स्टोन द्वारा लिखित उपन्यास “लस्ट फॉर लाइफ ” जो कि विन्सेंट वान गोघ , डच पेंटर , की जीवनी पर आधारित है , पढने के बाद मुझे लगा मैं विन्सेंट की आत्मा में उतर चुकी हूँ… जैसे उसे मैंने अपने सामने चित्र बनाते हुए देखा हो… उससे भी बढ़कर उसका पागलपन मुझे उसकी ओर आकर्षित करता है…. कुछ तो था उसमें… और उसका असफल जीवन जब उसके मरने के बाद सफलता की चरम पर पंहुचा उसका जीवन सार्थक हो चुका था… वो जो काम करने आया था उसने किया— उसने खुद को एक माध्यम चुन कर अभिव्यक्त कर दिया था।

क्या  मैंने विन्सेंट को पूरी तरह जान लिया है? क्या मुझे उससे प्यार हो गया है? नहीं, वो किसी नोवेल का चरित्र मात्र नहीं है, वह इतिहास की एक सच्चाई है, मुझे उससे प्यार नहीं हो सकता। मैं अब भी उसे मुर्ख मानती हूँ। वह मुझे एक  आइने – सा लगता है मैं खुद की हल्की परछाई इस आइने में देख सकती हूँ। विन्सेंट बेहद संवेदनशील और प्रकृतिप्रेमी था। मुझे विश्वास है जब वह सुबह उगते सूरज को दूर पहाड़ी के पीछे से झांकता हुआ देखता होगा… उसकी आत्मा शरीर के बाहर कूद कर आना चाहती होगी … हरियाली और बहती हुई नदी उससे बातें किया करते होंगे… सूरजमुखी का शानदार चित्र वह तभी बना सका होगा जब उन्हें देख कर उसके भीतर भी एक सूरजमुखी उगा होगा… काली रात की चादर पर कई तारे बिखेरने में उसने अपने दर्द में से सपनों को छाना  होगा। सच! कैसा महसूस होता होगा उसे प्रकृति की गोद में, शायद वह भी उन्हें शब्दों में नहीं बता सकता था।

विन्सेंट के चित्र देखने लायक हैं और उसका जीवन पढने लायक। जितनी उसकी पेंटिंग्स दिल को छूती हैं, उतना उसका जीवन आत्मा के भीतर उतर जाता है। वह दुनिया का हीरो नहीं था, वह दुनिया से हारा था.. नहीं ! दुनिया ने उसे हारा था… बोरिनाज़ के जिन मजदूरों की सेवा उसने की उन्होंने उसे नाम दिया था – जीसस  क्राइस्ट। पर  क्या वह जीसस क्राइस्ट था जबकि उसने आत्मा के आनंद को धर्म से ऊपर रखा था। और ये रास्ता कोई बुरा नहीं है … आखिर हर किसी को अपना रास्ता स्वयं चुनना होता है विन्सेंट ने वो रास्ता चुना कई मुश्किलों के बाद भी उस पर टिका रहा…और अंत में …. अंत में…. वह जीत गया। हाँ विन्सेंट का जीवन सार्थक हुआ उसने स्वयं को पा लिया…. स्वयं को खोने के बाद।

Spread the love
Ojasi
Ojasi
Ojasi Robin is a creative writer, blogger, storyteller and educator. Born and raised in the pristine city of Rajasthan, she considers her family and faith to be the most imperative to her. When she is not spending time with her family and friends, you can always find her watching a new movie or reading a Novel. She teaches English through online classes. A Karate Champion, an outstanding Dancer, she is a PhD holder in Hindi subject whose love for creativity knows no bounds.

13 COMMENTS

  1. I just could not go away your web site prior to suggesting that I actually loved the standard information an individual
    provide for your guests? Is going to be back frequently in order to check out new posts

  2. Great – I should certainly pronounce, impressed with your website.

    I had no trouble navigating through all tabs as well as related
    info ended up being truly simple to do to access.
    I recently found what I hoped for before you know it in the least.
    Quite unusual. Is likely to appreciate it for those
    who add forums or something, site theme . a tones way for your customer
    to communicate. Nice task.

    Have a look at my page; SynerSooth CBD Review

  3. I keep listening to the news broadcast lecture about getting boundless online grant applications so I have been looking around for the most excellent site to get one.

    Could you tell me please, where could i find some?

    Here is my webpage: DFine8

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

The Hark Ink on Awaken The Bravery Within
The Hark Ink on Quote By Nikita Gill.
The Hark Ink on The Miracle Poet
The Hark Ink on The Miracle Poet
The Hark Ink on Edward Lee
Mariam on
The Hark Ink on You Are Enough!
The Hark Ink on Edward Lee
The Hark Ink on The Miracle Poet
The Hark Ink on Book Review: Lust for Life
The Hark Ink on The Miracle Poet
The Hark Ink on
The Hark Ink on
The Hark Ink on Quote By Nikita Gill.
The Hark Ink on Awaken The Bravery Within
The Hark Ink on Quote By Nikita Gill.
The Hark Ink on The Miracle Poet
Eula on
Kevin on
Emile on
The Hark Ink on Quote By Nikita Gill.
The Hark Ink on Quote By Nikita Gill.
The Hark Ink on The Miracle Poet
The Hark Ink on The Miracle Poet
Vaishnavi Jadhav on Quote of The Day by hazyspiritt
kapil sharma on FAILING FORWARD